अपने हाथों मे मेरा हाथ ले कर,आप ने सदियों के लिए हम को हमीं से मांग लिया...उस ख़ुशी को अब
बयां कैसे करे कि आप ने अचानक हमीं से किनारा कर लिया..मिल कर आप से इतनी ख़ुशी बयां कर
लेना चाहते थे हम..पर इस इंतज़ार ने आप से क्यों दूर कर दिया...बेवफा नहीं है आप,दिल बार-बार यह
गवाही देता है...बेवफा तो यह तूफ़ान है जो रोज़ रोज़ राहें हमारी रोक लेता है...यह कंगना यह बिंदिया
इंतज़ार रोज़ करते है..कभी तो रुके गा तूफ़ान इस बरखा का...कभी तो इंतज़ार हमारा ख़तम होगा...
बयां कैसे करे कि आप ने अचानक हमीं से किनारा कर लिया..मिल कर आप से इतनी ख़ुशी बयां कर
लेना चाहते थे हम..पर इस इंतज़ार ने आप से क्यों दूर कर दिया...बेवफा नहीं है आप,दिल बार-बार यह
गवाही देता है...बेवफा तो यह तूफ़ान है जो रोज़ रोज़ राहें हमारी रोक लेता है...यह कंगना यह बिंदिया
इंतज़ार रोज़ करते है..कभी तो रुके गा तूफ़ान इस बरखा का...कभी तो इंतज़ार हमारा ख़तम होगा...