Sunday 14 June 2020

बहुत गुमान और अभिमान से,यह नन्हा सा दिल हमारा,आप को दे रहे है..भरा है इस मे प्रेम का वो

प्याला, जो किसी बाज़ार मे ना मिले गा आप को..जज्बातो का,खाव्हिशों का वो महल बनाया है इस के

अंदर,जो आप को किसी किताब मे पढ़ने को ना मिले गा...रंग देखिए ना कितना सुर्ख है इस दिल का,

जैसे अपनी हसरतो को जोड़ के आप से,हम सुर्ख हो जाते है...क्या कहे आप से इस को देने के बाद...

अब हम अपने कहां से रह गए..अपने हाथो से सौंप कर इस दिल को,आप अनंत-काल के लिए हमारे

हो गए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...