Monday 22 June 2020

भूल जा इन तमाम दर्दो को...चल मेरे साथ दूर कही,इन बेबाक हवाओं से बाते करने...हाथ पकड़ के

मेरा, सुन इस नदिया के बहते पानी का वो सुर..जो बदल दे गा तेरी-मेरी ज़िंदगी का नज़रिया...सुन ना

मेरी उसी पायल की छन-छन,जिस की छनक से तू होता था पागल...देख आज भी मेरे होठों पे है वही

मुस्कान,जिस के लिए तेरा दिल हमेशा घायल रहा...थाम ले मेरी वही बाहें,जिस के लिए तूने कहा था..

यह बाहें सिर्फ मेरी है...हज़ारो तकलीफें सही मगर मेरी हंसी है वही खिलखिलाती,जिस से तुझे मेरे

होने का एहसास होता था..भूल जा ना,दुःख सारे..कि यह ज़िंदगी आज भी उतनी ही खूबसूरत है..जितनी

कल के माहौल मे होती थी...अब मुस्कुरा दे ना जरा,मैं साथ हू ना तेरे... 

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...