Sunday 21 June 2020

चलती साँसों ने पूछा मुझ से अभी-अभी..चलो गे मेरे साथ कितनी दूर तक..मुस्कुरा दिए,बोले इतना..

मौत की इंतज़ार मे ज़िंदगी चलती है जितना,बस चले गे तेरे साथ हम भी उतना...मगर तुझे बिंदास भी

चलाए गे उतना,जितना हम इस सफर मे चल रहे है उतना...शर्त मगर होगी इतनी,हम जो करे गे तुम

भी करो गे वैसा.. वरना हम निकल जाए गे तेरे बिना अगले सफर पे बिन बताए उतना...साँसों की यह

उथल -पुथल हम से छिपती कैसे,वो हम मे जो छुपी थी हमारा आइना बन के...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...