चलती साँसों ने पूछा मुझ से अभी-अभी..चलो गे मेरे साथ कितनी दूर तक..मुस्कुरा दिए,बोले इतना..
मौत की इंतज़ार मे ज़िंदगी चलती है जितना,बस चले गे तेरे साथ हम भी उतना...मगर तुझे बिंदास भी
चलाए गे उतना,जितना हम इस सफर मे चल रहे है उतना...शर्त मगर होगी इतनी,हम जो करे गे तुम
भी करो गे वैसा.. वरना हम निकल जाए गे तेरे बिना अगले सफर पे बिन बताए उतना...साँसों की यह
उथल -पुथल हम से छिपती कैसे,वो हम मे जो छुपी थी हमारा आइना बन के...
मौत की इंतज़ार मे ज़िंदगी चलती है जितना,बस चले गे तेरे साथ हम भी उतना...मगर तुझे बिंदास भी
चलाए गे उतना,जितना हम इस सफर मे चल रहे है उतना...शर्त मगर होगी इतनी,हम जो करे गे तुम
भी करो गे वैसा.. वरना हम निकल जाए गे तेरे बिना अगले सफर पे बिन बताए उतना...साँसों की यह
उथल -पुथल हम से छिपती कैसे,वो हम मे जो छुपी थी हमारा आइना बन के...