तुझे दिया सब कुछ हम ने और खुद से नाता तोड़ लिया...हो गए बेगाने अपने आप से और बस तुझे
समर्पित हो गए...डगर प्रेम की चुनी हम ने और राधा के माक़िफ़ बन गए...तू ही रामा तू ही शिव मेरा
और कृष्ण समझ तुझी मे पूरा खो गए...सतयुग की महिमा यही बसी है...एक ही कृष्ण है इसी धरा पे
एक ही राधा पगली है...डगर चले ऐसी कुछ जो अनंत-काल तक जाती है...जिस्म छूट जाए बेशक यही
कही मगर रूहों को एक साथ ही इस जहां से जाना है...एक साथ ही जाना है...
समर्पित हो गए...डगर प्रेम की चुनी हम ने और राधा के माक़िफ़ बन गए...तू ही रामा तू ही शिव मेरा
और कृष्ण समझ तुझी मे पूरा खो गए...सतयुग की महिमा यही बसी है...एक ही कृष्ण है इसी धरा पे
एक ही राधा पगली है...डगर चले ऐसी कुछ जो अनंत-काल तक जाती है...जिस्म छूट जाए बेशक यही
कही मगर रूहों को एक साथ ही इस जहां से जाना है...एक साथ ही जाना है...