Thursday 11 June 2020

यह कौन सा रिश्ता है जो इस गौरैया से जुड़ने लगा है...प्यार के दो लफ्ज़ से हम ने पुकारा इस को और

अपनी हथेली पे रख कुछ दाना हम ने संभाला इस को...हम से पहले इस ने हम को अपना मान लिया..

इस की चमकती आँखों को गौर से निहारा हम ने और सोच मे डूब गए...क्या प्यार के दो बोल इतनी

ताकत रखते है..क्या प्यार के अनमोल बोल इंसा को भी बदल सकते है..यह गौरैया जब भी चहकती

हुई आंगन मे आती है,यू लगता है जैसे हम को दिल से शुक्राना देती है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...