क्यों छलक गए यह नैना तेरी बात सुन कर...कुछ तेरा प्यार और कुछ मेरा विश्वास,मिल के कर गए
इतना कमाल...अरमान दबा कर रखा था जो सीने मे,वो क्यों आज तेरी आवाज़ सुन हकीकत मे
बदलने लगा...हम है आज सांतवे आसमान पर,यह हम देख रहे है खवाब या दिन मे चाँद खुद आ
गया...अक्सर बाते करते रहते है रात भर सितारों से,यू लग रहा है सितारों का झुरमुट आंगन हमारे
खुद ही आ गया...शुक्रगुजार रहे गे ताउम्र तेरे लिए हम,कि जो तुम करने लगे हो हमारे लिए..वो कोई
और कैसे करता...यह लफ्ज़ नहीं हमारी रूह का कहना है,यह क़र्ज़ तेरा चुकाने के लिए जन्म बार-बार
ले गे दुबारा हम..
इतना कमाल...अरमान दबा कर रखा था जो सीने मे,वो क्यों आज तेरी आवाज़ सुन हकीकत मे
बदलने लगा...हम है आज सांतवे आसमान पर,यह हम देख रहे है खवाब या दिन मे चाँद खुद आ
गया...अक्सर बाते करते रहते है रात भर सितारों से,यू लग रहा है सितारों का झुरमुट आंगन हमारे
खुद ही आ गया...शुक्रगुजार रहे गे ताउम्र तेरे लिए हम,कि जो तुम करने लगे हो हमारे लिए..वो कोई
और कैसे करता...यह लफ्ज़ नहीं हमारी रूह का कहना है,यह क़र्ज़ तेरा चुकाने के लिए जन्म बार-बार
ले गे दुबारा हम..