यू ही हसरतों के बाज़ार मे खड़े रहना और तेरा हर पल इंतज़ार करना....कोई गुनाह तो नहीं...तेरे लिए
हर पल सोचना,तेरे लिए हर वक़्त फिक्रमंद रहना...कोई गलती तो नहीं मेरी...तेरी तस्वीर दिल मे लगाना
और तुझी से दिन-रात बातें करना..जाना,यही तक़दीर है अब मेरी...फासलों को ताक पर रख कर,रंग
प्रेम के तुझी पे उड़ेल देना...यह मेरी तेरे लिए सच्ची इबादत का नाम है तो गिला तुझ से क्यों करना...
जब कोई शिकायत करनी नहीं,तुझ से कोई उम्मीद तक करनी नहीं..तो इस प्रेम की लीला को प्रेम कह
देना,अपने शाश्वत-प्रेम की बेइज़्ज़ती तो बिलकुल भी नहीं...
हर पल सोचना,तेरे लिए हर वक़्त फिक्रमंद रहना...कोई गलती तो नहीं मेरी...तेरी तस्वीर दिल मे लगाना
और तुझी से दिन-रात बातें करना..जाना,यही तक़दीर है अब मेरी...फासलों को ताक पर रख कर,रंग
प्रेम के तुझी पे उड़ेल देना...यह मेरी तेरे लिए सच्ची इबादत का नाम है तो गिला तुझ से क्यों करना...
जब कोई शिकायत करनी नहीं,तुझ से कोई उम्मीद तक करनी नहीं..तो इस प्रेम की लीला को प्रेम कह
देना,अपने शाश्वत-प्रेम की बेइज़्ज़ती तो बिलकुल भी नहीं...