Tuesday, 23 June 2020

सब कुछ मिला तो भी रोया...किसी को खुद से ऊपर जाते देखा तो जलन से रोया...शोहरत की बुलंदियों

को किसी और को छूते देखा तो तकलीफ के दर्द से बहुत रोया...कोई टूट के बिख़र गया तो मदद की

बजाय उस के गिरने पे,जी भर के मुसकराया...किसी का घर लुट गया तो अकेले मे उस की बर्बादी पे

ख़ुशी के आंसू से रोया...वाह रे इंसान..तुझे तो भगवान् भी समझ ना पाया,जिस ने खुद तुझ को बनाया..

ऊपर वाले तेरा कोटि-कोटि शुक्रिया,जो तूने इन इंसानो को यह दिन दिखाया..बस अब कुछ ऐसा कर कि

इन को ज़िंदगी का जीना तेरी ही रहमत के साथ समझ आए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...