Saturday 6 June 2020

बेहद सकून भरा है आज की रात मे....गहरा गई है यह रात,आंखे डूब रही है नींद के खुमार मे..

कैसा सकून है यह जो भर रहा है नींद बेहिसाब इन आँखों मे...लगता है सपनो का मीठा रस घुले

गा आज नींद की मदहोशी मे...दिन भर की थकान उतार रही है खुमारी..आंखे जो खुल नहीं पा रही

नींद के बोझ से..दूर कही से एक आवाज़ दे रही है सुनाई हम को..सो जा कि ऐसी नींद मुकद्दर से

मिला करती है...नींद की ऐसी आगोश ख़ुशक़िस्मतो को मिलती है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...