सिर्फ किताबी चेहरा नहीं हमारा..हम तो खुद ही मे एक किताब है..कोशिश कीजिए हम को पढ़ने की,
बीत जाए गी उम्र सारी पर फिर भी पूरा हम को ना पढ़ पाए गे..कुछ पन्ने है इतने जयदा बिखरे हुए..
कुछ है बेहिसाब दर्द से भरे हुए...बहुत है ऐसे जो कोरे ही रह गए...कुछ है ऐसे जो अश्क की चादर
मे है आज तक भीगे हुए...कही पे हम रुके हुए है,बंदिशों मे भरे हुए...पढ़ने के लिए,आप को जन्म ना
जाने कितने लेने होंगे...हम तो छोड़ जाए गे किताब अपनी,पढ़ने के लिए पीछे आप रह जाए गे...
बीत जाए गी उम्र सारी पर फिर भी पूरा हम को ना पढ़ पाए गे..कुछ पन्ने है इतने जयदा बिखरे हुए..
कुछ है बेहिसाब दर्द से भरे हुए...बहुत है ऐसे जो कोरे ही रह गए...कुछ है ऐसे जो अश्क की चादर
मे है आज तक भीगे हुए...कही पे हम रुके हुए है,बंदिशों मे भरे हुए...पढ़ने के लिए,आप को जन्म ना
जाने कितने लेने होंगे...हम तो छोड़ जाए गे किताब अपनी,पढ़ने के लिए पीछे आप रह जाए गे...