उस का गुफ्तगू करना और चले जाना...और हमारा घंटो उसी की एक-एक बात को याद करना..गज़ब
पे गज़ब यह...तमाम गुफ्तगू सिरे से आखिर तक भूल ही ना पाना...हर लम्हे की याद,परत दर परत
उठाना और खुदी ही मुस्कुरा देना...हर छोटी बात का अंदाज़ याद आना..घंटो यू ही बैठे रहना और
फिर उसी सुहानी शाम को बेइंतिहा याद करना...आवाज़ का वो रूमानी जादू दिलो-दिमाग पे छाना
और इतना छाना कि सितारों भरी रात कब आ गई,यह भी ना जान पाना...
पे गज़ब यह...तमाम गुफ्तगू सिरे से आखिर तक भूल ही ना पाना...हर लम्हे की याद,परत दर परत
उठाना और खुदी ही मुस्कुरा देना...हर छोटी बात का अंदाज़ याद आना..घंटो यू ही बैठे रहना और
फिर उसी सुहानी शाम को बेइंतिहा याद करना...आवाज़ का वो रूमानी जादू दिलो-दिमाग पे छाना
और इतना छाना कि सितारों भरी रात कब आ गई,यह भी ना जान पाना...