Wednesday 3 June 2020

उस का गुफ्तगू करना और चले जाना...और हमारा घंटो उसी की एक-एक बात को याद करना..गज़ब

पे गज़ब यह...तमाम गुफ्तगू सिरे से आखिर तक भूल ही ना पाना...हर लम्हे की याद,परत दर परत

उठाना और खुदी ही मुस्कुरा देना...हर छोटी बात का अंदाज़ याद आना..घंटो यू ही बैठे रहना और

फिर उसी सुहानी शाम को बेइंतिहा याद करना...आवाज़ का वो रूमानी जादू दिलो-दिमाग पे छाना

और इतना छाना कि सितारों भरी रात कब आ गई,यह भी ना जान पाना...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...