Monday 1 June 2020

यह बरखा और यह बेतहाशा चलती उड़ती तेज़ हवाएं...जी चाहता है इन्ही तेज़ हवाओ के संग दूर

बहुत दूर कही निकल जाए आज...यह हवाएं उड़ा ले गई है मन का भारीपन..कुछ खास दे गई है यह

हवाएं आज...कुछ खास बहुत खास वादा किया आज इन्ही हवाओ के साथ...यह रिमझिम सी बारिश

यह बहकी हुई हवाएं,लगा ऐसे जैसे मुद्दत बाद आई है..तभी तो इन से वादा किया मगर वादा साथ मे

यह भी लिया..गर्म हवा का झौका मत बनना,बस यू ही बहकती आना...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...