यह मेघा भी क्या कमाल करते है...पल मे तोला तो पल मे माशा करते है..अभी गर्म रेत से झुलस रहे
थे पाँव और देखिए ना, अब भिगो दिए यही पाँव...तेज़ काली घटा सन्देश दे गई,बरसना है आज खुल
के मुझ को...कभी मेघा तो कभी कुदरत,कर रही है बंद घर की दीवारों मे इंसान को...यह फुहार बता
गई मौसम का हाल..यह कभी रूमानी होता है तो कभी परेशानी भी देता है...माशाअल्लाह...भीगे इस
मौसम की फुहार मे या ज़मी पे उतार दे मुहब्बत को तूफानी अंदाज़ मे...
थे पाँव और देखिए ना, अब भिगो दिए यही पाँव...तेज़ काली घटा सन्देश दे गई,बरसना है आज खुल
के मुझ को...कभी मेघा तो कभी कुदरत,कर रही है बंद घर की दीवारों मे इंसान को...यह फुहार बता
गई मौसम का हाल..यह कभी रूमानी होता है तो कभी परेशानी भी देता है...माशाअल्लाह...भीगे इस
मौसम की फुहार मे या ज़मी पे उतार दे मुहब्बत को तूफानी अंदाज़ मे...