Wednesday 30 September 2020

 भोले भाले वो नैना..उस के दिल के आर-पार हो गए..वो भोले थे इसलिए ही तो उस की खास पसंद बन 


गए..जब वो झुकते तो दिल उस का चीर जाते..जो उठते तो उसी पे ही क़यामत ढा जाते...एक दिन पूछा 


उस ने भोले नैनो वाली से,कौन दे देस से आई हो जो इतनी भोली सूरत और भोले नैना संग लाई हो..इक 


जवाब उस का काफी था...यह उस देस की माटी से पाए है,जहां धर्म बिकता नहीं..दिल मे बैर पलता नहीं..


अब समझने की बारी उस की थी..शीश झुका अब उस के देस के आगे,जहां से यह अपने दो भोले नैनो 


को लाई थी...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...