Tuesday 29 September 2020

 साजन बोले..यह इंद्रधनुष बहुत मनमोहक है..सात रंगो का मेल और अनोखी छाया से भरा है..छटा है 


निराली,ऐसा लगता है प्रेम के हज़ारो रंगो से भरा-पूरा है...देखे तो बस देखते ही रहे..मगर यह तो जाने 


वाला है..बरखा के जाते ही यह ग़ुम हो जाए गा...हम बोले...इस को जाना तो है पर यह हम को क्या 


सिखा के जाने वाला है...सोचिए जरा..गर ऐसे ही रंग सुहाने हम दूजो के जीवन मे भरे तो हम इंद्रधनुष 


को कहां जाने दे गे..जैसे यह हम को जीवन सिखा गया..वैसे ही हम दूजो को जीवन सिखा ग़ुम हो जाए गे 

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...