Sunday 13 September 2020

 सुन मेरे सजना...नज़दीक जरा आ मेरे,तेरे कानों मे कुछ कहना है....जो भी कहना है,बहुत ही धीमे से 


कहना है...तू है मेरा दीवाना पागल,इस बात को विस्तार से कहना है...मेरी शरारत भरी आँखों पे ना जा..


आ पास मेरे,इन मे तुझी को गहरे तले तक उतार देना है...नशा मेरा कभी कम ना पड़े,तुझे हर पल गहरी 


खुमारी मे रखना है...कभी चंचल हू मैं,कभी नदिया सी धारा हू मैं...तेरे लिए कभी जोगन बनू तो कभी 


राधा तेरी बनू...तू सिर्फ और सिर्फ मेरा अरमान रहे और मैं तेरी आरज़ू का बेइंतिहा खज़ाना रहू...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...