Monday 14 September 2020

 यह बिंदू भी कमाल है...माथे पे लगा तो नाम बिंदिया हो गया...माथे के ऊपर इक कोने मे लगा तो 


नज़र का टीका बन गया...कान के पीछे जो छुपा के सजाया तो माँ के लिए उस का बच्चा,सुरक्षित 


ज़माने से हो गया...पिया ने अकेले मे इस बिंदू को मांग मे भरा तो पिया का नाम साथ जुड़ गया...


यह बिंदू है या जादू की छड़ी....विधाता के मंदिर मे जो इस को लगाया तो पवित्र तन और मन सब  


हो गया...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...