Thursday, 24 September 2020

 इस दुनियाँ मे कौन पूरा है...कोई दौलत की तलाश मे अधूरा है...कोई शराब की तलब के लिए अधूरा है..


कोई मनपसंद साथी ना मिला,यह सोच कर खुद मे बहुत अधूरा है...कोई अपनी हकूमत ना चलने से 


परेशान सा अधूरा है...किसी को यह लगता है वो खूबसूरत नहीं,रोते रोते रात मे रोज़ सोता है...कोई 


पैसो की कमी से बेहाल अजीब सा जमूरा है...भगवान् ने गर कही कोई कमी ना दी होती,तो यह इंसान 


खुद को भगवान् ही मान लेता..अरे रो मत पगले,दो दिन है यह ज़िंदगानी...खुद हंस ले और किसी और 


को भी हंसा दे...यहाँ कौन अधूरा तो कौन है पूरा..छोड़ सब और मस्ती मे जीवन जी ले...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...