Friday 25 September 2020

  ख़ुशी मिले या ना मिले,हम तो बिन बात हंस दिए...दुखों के रेले पीछे-पीछे चले,हम उन्ही को साथ लिए 


अपनी डगर पे चल दिए...दुनियां बोली हम दीवाने है...हम तो तब भी मुस्कुरा दिए...खुश रहने की वजह 


कुछ भी नहीं मिली,पर खुश रहना सोचा और फिर हर पल अपने लिए जीने लगे...रोने से किस्मत के द्वार 


कभी खुलते है..आसमां से चाँद-सितारे कभी जमीं पे आते है...सुन यारा...ज़िंदगी का तो काम दर्द पे दर्द 


देना है...इस दर्द से कुछ पल सकून के चुरा ले तो इस का भी क्या जाता है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...