Monday 21 September 2020

 मुहब्बत मे कोई फ़ना हो गया तो कोई मुहब्बत को मज़ाक बना धोखा ही दे गया..किसी को अपनी 


मुहब्बत मे सिर्फ कमियां दिखी तो कोई उस को तमाम कमियों के बावजूद साथ आखिरी पल तक 


निभा गया...किसी ने सिर्फ जिस्म को चाहा और कुछ वक़्त बाद साथ उसी का छोड़ कही और चला 


गया..जिस ने पूजा मुहब्बत को खुदा समझ कर वो साथी की बेरुखी देख इस दुनियाँ से विदा  ही हो 


गया..साँसों का मोल तो तभी तक होता है जब तक मुहब्बत का नाम मुहब्बत के साथ होता है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...