Sunday 13 September 2020

 तुम को बचपन की उस नोंक-झोख का वादा निभाना होगा...मिट्टी से सने मेरे तेरे पैर,उन को धोने के 


लिए तुम को आज फिर मेरे पास आना होगा...जानती हू,बदल चुका है अब मेरा तेरा जीवन..कुछ दर्द 


है पास मेरे तो कुछ खुशियाँ है तेरे रास्ते...बचपन का वो मासूम सा नाता,कितने छोटे छोटे वादे..और 


मुस्कराहट हद से जयदा..हर छोटी सी बात पे जोर से हंसना और दुनियाँ से बेखबर रहना...कोई क्या 


बोले गा इस से परे अपने मे जीना...आज तुम से मिलने का मन होता है तो दिल बहुत कुछ सोच लेता है..


तेरी दुनियाँ आबाद रहे,तेरा संसार खुशहाल रहे..पर बचपन का वो मासूम नाता हमेशा वैसे ही कायम 


रहे...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...