Monday 14 September 2020

 ओस की नमी से भरी तेरी गहरी आंखे...एक तरफ है दुनियां सारी और दूजी तरफ तेरी यह काली काली 


मदहोश सी आंखे...देखा कुछ ऐसा बारीकी से कि दुनियां को नज़राना देना भूल गए...अरमानों से भरा 


टोकरा तेरे हवाले कर दिया....अहसासों का महका सा चमन तुझी पे वारी वारी कर दिया....प्रेम की यह 


महिमा तो ऊपर वाला ही जाने..हम ने तो शुद्ध मन से उस की इस रचना को तेरे नाम कर दिया....नमी 


भर के अपनी इन आँखों मे मुझे यू ना देख...रोने का अब मन नहीं,ख़ुशी का यह आंचल भर दे अब,जरा 


मेरे लिए..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...