आँखों मे प्रेम का सैलाब लिए वो उस के प्रेम मे डूबी थी...हर सांस उस पे वारी-वारी करती वो उस की
जीवन-संगनी थी..कितने खवाब चुन लिए एक साथ जीने के लिए..''.वो तो सिर्फ अब मेरी है'' यह विचार
कर उस ने उस की बेकदरी कर डाली थी...एक वक़्त ऐसा भी था जब वो उस के बहते एक अश्क पर,
खुद भी रो देता था...आज है यह आलम कि वो खुद किसी और नशे मे डूबा है..तकरार हुई सौ बार हुई,
और आज वो उस की दुनिया का बेनाम सा हिस्सा है...प्रेम खो गया,वादे खो गए पर वो अभी भी खुद के
लिए ज़िंदा है..हंसती है मुस्कुराती भी है..पर उस दगाबाज़ से कुछ भी ना कहती है...