''जी चाहता है आज,आप पे कोई नज़्म लिखे..साँसे ज़िंदगी की सकून से भर दी,इस के लिए कुछ खास
अल्फ़ाज़ लिखे'' हम ने गहरी मुस्कान से उन को कहा..''साँसे तो खुदा ही दिया करता है..और सकून के
लिए कर्म अपनों पे जिया जाता है..मेरे लिए इतना ही आप से सुनना काफी है..''तेरे जैसी दुल्हन सिर्फ
सदियों मे ही पैदा होती है''...इस लफ्ज़ के बहुत मायने है मेरे जीवन मे..इस एक लफ्ज़ को हम ने अपने
सीने से सजाया है...कुछ भी ना लिखे..कुछ भी ना कहे..हम सदियों से आप के साथ है,बस यह साथ
सदियों तक ही रहने दे...