यह कौन सा आसमान है जो बेहद खामोश है...यह कौन सी धरती है जो चाह कर भी कुछ कहती नहीं...
सितारे कितने है आसमान के आंचल मे..हम से किसी ने कहा,टूटे सितारे से कुछ मांगो तो मिल जाता
है...इंकार मे सर हिलाया हम ने..टूटा सितारा कुछ दे पाता तो हम उस से दिन अपने पुराने मांग लेते...
वो बचपन मांग लेते...माँ की गोद मे उतर जाते..बाबा की ऊँगली पकड़ पूरा बाजार घूम आते...जब
यह आसमान खामोश है,यह धरती खामोश है...तो हम क्या बोले..हम भी उतने ही खामोश है...