Friday 25 September 2020

 यह कौन सा आसमान है जो बेहद खामोश है...यह कौन सी धरती है जो चाह कर भी कुछ कहती नहीं...


सितारे कितने है आसमान के आंचल मे..हम से किसी ने कहा,टूटे सितारे से कुछ मांगो तो मिल जाता 


है...इंकार मे सर हिलाया हम ने..टूटा सितारा कुछ दे पाता तो हम उस से दिन अपने पुराने मांग लेते...


वो बचपन मांग लेते...माँ की गोद मे उतर जाते..बाबा की ऊँगली पकड़ पूरा बाजार घूम आते...जब 


यह आसमान खामोश है,यह धरती खामोश है...तो हम क्या बोले..हम भी उतने ही खामोश है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...