बेहद साधारण सा रूप-रंग लिए,वो दोनों इस दुनिया से अनजान थे...कुछ सिक्के पास थे मगर हौंसले
उन दोनों के ही बुलंद थे...जीना है साथ तो कम मे भी जीना होगा..दुनियां के तानो को भी सुनना होगा...
लोग क्यों कहते है,ग़ुरबत का प्यार सच्चा पाक नहीं होता...साथी जब इक दूजे के साथ है तो मुश्किल
तो कुछ भी नहीं होता..दुनियां का काम तो अंगुली उठाना ही है..प्यार मे जब दोनों हर बात से राज़ी तो
इस दुनियां का क्या करना है...प्यार का एक रूप...ऐसा भी..