आज ना जाने क्यों पायल छन-छन करती टूट गई...चूड़ियाँ खनकी इतनी कि आहे-बगाहे छनक गई...
वो लबो का हल्का सा कंपन,साँसों की गरमाहट से पिघल गया..क्यों आज साजन की मीठी बातो से
यह दिल दहक गया..मौसम की गर्म सी रवानगी मे,सब कुछ जैसे महक गया..ख़ुशी से बहके आज यह
नैना,कि दर्द जैसे हवा हो गया...
वो लबो का हल्का सा कंपन,साँसों की गरमाहट से पिघल गया..क्यों आज साजन की मीठी बातो से
यह दिल दहक गया..मौसम की गर्म सी रवानगी मे,सब कुछ जैसे महक गया..ख़ुशी से बहके आज यह
नैना,कि दर्द जैसे हवा हो गया...