Sunday 14 July 2019

दोस्तों...मेरी शायरी,इस के हर लफ्ज़ को पढने के लिए..उस के अर्थ को समझने के लिए,यह शायरा आप सभी का मन से अभिनन्दन और शुक्रिया अदा करती है...मैं हर बार कुछ नया लिखू...प्यार,पाक मुहब्बत,जज्बात,विरह की मिलीजुली भावनाओ की एक खूबसूरत लय है..मेरी यह शायरी..मेरी गुजारिश है आप सभी से कि मेरे लिखे लफ्ज़ो पे अपने थोड़े से शब्दों की एक ऐसी मोहर लगाए कि मैं अच्छा और भी अच्छा लिख सकू...आभार,शुक्रिया.....शुभ रात्रि दोस्तों...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...