कभी यह ज़िंदगी मज़ाक ही ना बन के रह जाए,इतना ख्याल जरूर रखना...परदे मे रहना अच्छा है,
मगर तस्वीर सामने तो आए...मासूम से सपने कभी कभी,यू ही इंतज़ार करते करते टूट जाया करते
है...अधखिले फूल अचानक से मुरझा भी जाया करते है...सावन फिर कितना भी क्यों ना बरसे,फूल
ज़मीं मे समां जाया करते है...कितना समझाए कि जो अँधेरे मे फिर गुम हो जाए,वो रोशनी के लिए
फिर बाहर नहीं आया करते..
मगर तस्वीर सामने तो आए...मासूम से सपने कभी कभी,यू ही इंतज़ार करते करते टूट जाया करते
है...अधखिले फूल अचानक से मुरझा भी जाया करते है...सावन फिर कितना भी क्यों ना बरसे,फूल
ज़मीं मे समां जाया करते है...कितना समझाए कि जो अँधेरे मे फिर गुम हो जाए,वो रोशनी के लिए
फिर बाहर नहीं आया करते..