Monday 29 July 2019

कभी यह ज़िंदगी मज़ाक ही ना बन के रह जाए,इतना ख्याल जरूर रखना...परदे मे रहना अच्छा है,

मगर तस्वीर सामने तो आए...मासूम से सपने कभी कभी,यू ही इंतज़ार करते करते टूट जाया करते

है...अधखिले फूल अचानक से मुरझा भी जाया करते है...सावन फिर कितना भी क्यों ना बरसे,फूल

ज़मीं मे समां जाया करते है...कितना समझाए कि जो अँधेरे मे फिर गुम हो जाए,वो रोशनी के लिए

फिर बाहर नहीं आया करते..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...