Friday 5 July 2019

प्यार..जो किसी बंधन का मोहताज़ नहीं..बंधन से परे..प्यार गंगाजल सा एहसास सही..पा लेना गर

मुहब्बत का डेरा होता,साथ रह कर गर प्यार का मोल जय्दा हो जाता..यक़ीनन प्यार का नाम ज़िंदाबाद

कहा जाता..दूरिया तो पास रह कर भी होती है,साथ जी कर भी ज़िंदगी मौत से बदतर भी हो जाती है..

प्यार महकती हुई वो खुश्बू है,दूर रह कर भी महक बिखेरा करती है..सकून की नींद दे कर,ज़िंदगी को

मुकम्मल किया करती है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...