Sunday 28 July 2019

खामोशियां टूट चली है अब,गुफ्तगू की राह पे...वो करीब आ रहे है,मेरे मेहरबां बन के...मुलाकातों का

सिलसिला ना टूटे कभी,वो नज़र फेर ले हम से ऐसा ना होगा कभी...खुद पे बहुत यकीन है हम को,जान

की बाज़ी हर पल तैयार रहे गी उन के लिए..यूं तो नहीं कहते कि मुहब्बत लाजवाब होती है..जब आ जाए

निभाने पे,हर रस्म तोड़ जाती है..खुदा किसी को किसी से जुदा ना करे,गर करे तो साँसों को मद्देनज़र

रख के ही करे..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...