मैंने तुझ को टूट के चाहा इतना..तू भी टूट के मुझ को चाह इतना..सदियों से हम तो यही करते आए है..
रूप बदले बेशक़ पर रूह का सार वही ही था..इस दुनिया मे रह कर भी,दुनिया के साथ नहीं रहे..तार
तार दिल का जोड़ा और पास तेरे चले आए..ना कुछ लेने ना कुछ पाने..फिर भी तुझ तक पहुंच गए..
पाना खोना किस ने देखा..इक लय से शुरू हुए,.इक ही लय तक जाए गे..तेरी दुनिया तुझ को मुबारक,
हम हर रस्म ऐसे ही निभाते जाए गे...
रूप बदले बेशक़ पर रूह का सार वही ही था..इस दुनिया मे रह कर भी,दुनिया के साथ नहीं रहे..तार
तार दिल का जोड़ा और पास तेरे चले आए..ना कुछ लेने ना कुछ पाने..फिर भी तुझ तक पहुंच गए..
पाना खोना किस ने देखा..इक लय से शुरू हुए,.इक ही लय तक जाए गे..तेरी दुनिया तुझ को मुबारक,
हम हर रस्म ऐसे ही निभाते जाए गे...