खवाब देखने की कोई मनाही ही नहीं..खवाब खुद से पूरे करना,यह खुद की जवाब-देही है...सहारे
अक्सर इंसान को कमजोर बनाया करते है...खुद को गर उठाना है,तो सिर्फ साथ मांगो..सहारा नहीं..
तेरी मंज़िल खड़ी है तेरे बहुत करीब,गर आंखे खुद की ना खोली तो गज़ब हो जाए गा...तेरी जगह
कोई और सितारा बन कर आसमां मे चमक जाए गा..अभी भी वक़्त दे रहा है तुझ को मोहलत,सुन
खुद से खुद का सहारा बन..सहारे दूजो के बहुत कमजोर बना दिया करते है...
अक्सर इंसान को कमजोर बनाया करते है...खुद को गर उठाना है,तो सिर्फ साथ मांगो..सहारा नहीं..
तेरी मंज़िल खड़ी है तेरे बहुत करीब,गर आंखे खुद की ना खोली तो गज़ब हो जाए गा...तेरी जगह
कोई और सितारा बन कर आसमां मे चमक जाए गा..अभी भी वक़्त दे रहा है तुझ को मोहलत,सुन
खुद से खुद का सहारा बन..सहारे दूजो के बहुत कमजोर बना दिया करते है...