शब्दों की पाकीज़गी का यह जादू..बिखरे है कभी अश्क़ो की तरह,छा गए कभी किसी पे मुहब्बत की
तरह...पावन मन जिस का रहा, इन शब्दों से वो प्यार सीख़ गया...दिल जब जब दर्द से भरा,इन्ही
शब्दों से उबर गया..खोना-पाना क्या होता है,जज्बातो का सिहर जाना कैसा होता है..मेरे शब्द सब
से कुछ कहते,समझे ना समझे...पर सब के दिल को बरबस छू लेते ...
तरह...पावन मन जिस का रहा, इन शब्दों से वो प्यार सीख़ गया...दिल जब जब दर्द से भरा,इन्ही
शब्दों से उबर गया..खोना-पाना क्या होता है,जज्बातो का सिहर जाना कैसा होता है..मेरे शब्द सब
से कुछ कहते,समझे ना समझे...पर सब के दिल को बरबस छू लेते ...