Monday 29 July 2019

शब्दों की पाकीज़गी का यह जादू..बिखरे है कभी अश्क़ो की तरह,छा गए कभी किसी पे मुहब्बत की

तरह...पावन मन जिस का रहा, इन शब्दों से वो प्यार सीख़ गया...दिल जब जब दर्द से भरा,इन्ही

शब्दों से उबर गया..खोना-पाना क्या होता है,जज्बातो का सिहर जाना कैसा होता है..मेरे शब्द सब

से कुछ कहते,समझे ना समझे...पर सब के दिल को बरबस छू लेते ...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...