आँखों का रोना और खुल के बरसना..बरस के फिर खुले आसमां की तरह सुबह तक साफ़ हो जाना..
अपनी हंसी से फिर किसी की दुनिया मे हज़ारो रंग भरना..कितने खुशकिस्मत है हम,हज़ारो से
रोज़ यही सुनना..खुद ही खुद से सवाल करते है,फिर खुद को यही जवाब देते है..बहुत खुशकिस्मत
है हम, रोते तो है मगर जज्बे अपने को सलाम भी करते है..कौन है हम जैसा,जो दर्द को अपने मे
दबा कर दुनिया को खुशिया बांटा करता है ...
अपनी हंसी से फिर किसी की दुनिया मे हज़ारो रंग भरना..कितने खुशकिस्मत है हम,हज़ारो से
रोज़ यही सुनना..खुद ही खुद से सवाल करते है,फिर खुद को यही जवाब देते है..बहुत खुशकिस्मत
है हम, रोते तो है मगर जज्बे अपने को सलाम भी करते है..कौन है हम जैसा,जो दर्द को अपने मे
दबा कर दुनिया को खुशिया बांटा करता है ...