Wednesday 24 July 2019

मेरे सपनो की नगरी मे ''माँ ''तुम अक्सर आती रहती हो..मैं खुश हु तब भी तुम मुझे लाड दे जाती

हो..रो दू कभी किसी बात पर,क्यों समझाने आ जाती हो..बाबा ने जब जब जो समझाया,हम सब

करते आए है..ख़ुशी भरना हर उस जीवन मे,जिस से तेरा नाता हो..बदले मे कुछ मत लेना,मान बाबा

का रख लेना..''माँ'' तेरी लाडो,सपने मे तुम को आज पास बुलाती है..कुछ बाते कहनी है तुम से,बाबा को

जा कर तुम्हे बतलानी है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...