Sunday 28 July 2019

तू है नायाब सितारा आसमां का..मैं हू जर्रा छोटा सा इस धरती का..तेरे आसमां मे संग तेरे है,सारे

सितारे..मैं हू धरती पे खड़ा इक आवारा सा जर्रा...कहां छू पाउ गा तेरा दामन,भटक रहा सदियों से

मैं अकेला बेचारा..धरती आसमां कहां मिल सकते है..लाख कोशिश करे,नाकामयाब ही रहते है..जर्रा

तो आखिर जर्रा है,तेज़ हवाओ से बिखर जाए गा..मगर लुप्त होने से पहले,इक नज़र अपने आसमां को

देखना जरूर चाहे गा..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...