Friday 12 July 2019

समंदर की लहरों के बेइंतेहा शोर मे,फिर कोई शरारती लहर समंदर को मात देने वाली है..राज़ अपने

जीवन का वो उस को बताने वाली है..बरसो पहले जो देखा कोई सपना उस ने,वो आज समंदर को

दिखाने वाली है..जज्बा ही तो है कि अब तक उस ने हार नहीं मानी है...घुलने के लिए पानी समंदर का

बेशक खारा है मगर वो लहर की शरारत का है असर,समंदर खुद ही मीठा होने के लिए अब राज़ी है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...