समंदर की लहरों के बेइंतेहा शोर मे,फिर कोई शरारती लहर समंदर को मात देने वाली है..राज़ अपने
जीवन का वो उस को बताने वाली है..बरसो पहले जो देखा कोई सपना उस ने,वो आज समंदर को
दिखाने वाली है..जज्बा ही तो है कि अब तक उस ने हार नहीं मानी है...घुलने के लिए पानी समंदर का
बेशक खारा है मगर वो लहर की शरारत का है असर,समंदर खुद ही मीठा होने के लिए अब राज़ी है...
जीवन का वो उस को बताने वाली है..बरसो पहले जो देखा कोई सपना उस ने,वो आज समंदर को
दिखाने वाली है..जज्बा ही तो है कि अब तक उस ने हार नहीं मानी है...घुलने के लिए पानी समंदर का
बेशक खारा है मगर वो लहर की शरारत का है असर,समंदर खुद ही मीठा होने के लिए अब राज़ी है...