Thursday, 25 July 2019

चुन चुन के तेरा हर सपना तेरे इश्के-किताब मे रखे गे..बुन बुन के अपना हर सपना अपनी पूजा की

थाली मे रख दे गे...बहुत नाज़ुक है मेरे सपने,चिड़िया के मासूम पंखो की तरह..कभी ठेस ना लगाना कि

 फिर से बुन ना सके कभी...पूजा मे जो फूल रख दिया हम ने,बाबा की नज़रो मे है...वो संभाले गे किस

तरह,बाबा की मर्ज़ी पे है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...