बहुत फक्र से बताते है पानी का राज़..भगवान् के चरणों से छुआ जल है यह,तेरे मन की मुराद हो पूरी
यकीं दिलाते है तुझे..हम ठहरे नटखट आसानी से बात उन की कहा मान जाये गे...जब मन ही शुद्ध
हो गंगाजल की तरह,इस जल से कैसे कुछ कह पाए गे...हाथ लगा के अपना,तेरा जल तुझ को ही
लौटाए गे..भर दिया अब इस मे शुद्ध प्रेम अपना..फक्र से इस पानी का राज़ अपनी तरफ से तुझे हम
भी बताये गे...
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यकीं दिलाते है तुझे..हम ठहरे नटखट आसानी से बात उन की कहा मान जाये गे...जब मन ही शुद्ध
हो गंगाजल की तरह,इस जल से कैसे कुछ कह पाए गे...हाथ लगा के अपना,तेरा जल तुझ को ही
लौटाए गे..भर दिया अब इस मे शुद्ध प्रेम अपना..फक्र से इस पानी का राज़ अपनी तरफ से तुझे हम
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