Sunday 28 July 2019

वो धीमे से तेरा मुस्कुरा देना..नन्ही सी बात पे घंटो मुझे हंसा देना..मेरे रोके से फिर भी ना रुकना,तू

जान है मेरी यह बोल कर मुझे और और नज़दीक ले आना...ज़न्नत का नशा कैसा होता है,यह तुझ से

मिल कर मैंने जाना है..बेजान तारो को बहा दिया इसी सावन मे,ले जा नदिया साथ अपने गर्दिश के

सितारों को..इसी मुस्कान के लिए हम दुआए माँगा करते थे..कबूल होगी ऐसे सोचा भी ना करते थे..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...