Sunday 7 July 2019

अस्तित्व नहीं है कुछ भी मेरा..कमजोर बहुत है दिल यह मेरा...तुझ को क्या दे पाऊ गा...दुनियां ने

ना मुझ को जाना,मेरे किए को किसी ने ना सराहा...तुम तो हो परियो की रानी,तेरी खूबसूरती मेरे

आगे ज़न्नत की कोई सूंदर सी कहानी...मुस्कुरा कर हम ने दुःख उस का बांटा..''कीचड़ मे खिले

कमल को कभी गौर से देखा है..वो उतना ही खूबसूरत है,जितना कीचड़ काला है..दुनियां जलती है

जब भी चाँद की खूबसूरती से,दाग़ भरा है इस के अंदर..कह कर खुद को बहलाती है..तुम भी हो उसी

कमल और चाँद के जैसे..जिस से जल कर दुनियां खुद को आग लगाती है.'''

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...