Sunday 21 July 2019

नज़र का उस मोड़ तक जाना,जहा तेरी दुनिया का बसेरा होना...दूर खड़े हो कर तुझे देखना,पर तेरी

खुद की दुनिया को ना छूना...तू खुश है बस इसी एहसास से अँखियो को तेरे आँगन मे रखना और

फिर खुद की दुनिया मे लौट आना....यही अंखिया जो सुख मे तेरे हंस दे गी और तेरे दुखी होने से तेरे

दर्द को झट से पी ले गी..जब तक तू सोचे गा कि कौन सा गम तेरे पास आने को था,यह आंखे उसी

दम तेरा गम को खुद मे पी ले  गी...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...