निकल आए है बाहर इस जानलेवा मौसम मे,देखने बगीचा फूलो का...हौले हौले,मद्धम मद्धम चाल से
निहार रहे है इन फूलो को...कुछ दिन पहले देखा था इक ऐसा फूल,जिस को अपनी पूजा के लिए चुन
लिया था हम ने...आज पूजा की थाली मे रखने के लिए,उसी फूल को लेने आए है...कहां होगा यह
सोच कर परेशां है...दुपट्टा उलझ गया इक डाली से,देखा वही फूल था हमारी पूजा की थाली मे...
निहार रहे है इन फूलो को...कुछ दिन पहले देखा था इक ऐसा फूल,जिस को अपनी पूजा के लिए चुन
लिया था हम ने...आज पूजा की थाली मे रखने के लिए,उसी फूल को लेने आए है...कहां होगा यह
सोच कर परेशां है...दुपट्टा उलझ गया इक डाली से,देखा वही फूल था हमारी पूजा की थाली मे...