साँसों को बांधे रखना सिर्फ तेरे लिए...और वो कहे कि कर ले प्यार किसी और से,अपनी ख़ुशी के लिए..
तुझे हक़ है तू जिए अपनी मर्ज़ी के लिए..साथ मे कह देना यह भी,मुझे तेरी बहुत जरुरत है मेरे लिए ...
तेरे हर सितम को हंस कर सह जाए गे..प्यार कोई खेल नहीं,ज़िंदगी छोड़ने से पहले यह एहसास तुझे
दिला जाए गे...मजबूत बहुत है मगर,पत्थर तो नहीं आंसू गिराते है पर कुछ बताते नहीं,तेरे लिए...
तुझे हक़ है तू जिए अपनी मर्ज़ी के लिए..साथ मे कह देना यह भी,मुझे तेरी बहुत जरुरत है मेरे लिए ...
तेरे हर सितम को हंस कर सह जाए गे..प्यार कोई खेल नहीं,ज़िंदगी छोड़ने से पहले यह एहसास तुझे
दिला जाए गे...मजबूत बहुत है मगर,पत्थर तो नहीं आंसू गिराते है पर कुछ बताते नहीं,तेरे लिए...