उदास हो कर मेरे दामन को अपने अश्क़ो से ना भिगो..बेबसी मे खुद को अकेला भी ना सोच..तेरी
हर राह पर तुझ से पहले कोई पहुंच जाता है..तेरे दर्द को तेरे बोलने से पहले ही समझ जाता है..वो
आवाज़ का बार बार भर आना,गले मे खराश है कह कर मुझ को बहलाना..लय तो हर ताल मे सीधी
चलती है..फिर तू मुझ से कुछ भी छुपा,यह हमदर्द तो सब समझती है...
हर राह पर तुझ से पहले कोई पहुंच जाता है..तेरे दर्द को तेरे बोलने से पहले ही समझ जाता है..वो
आवाज़ का बार बार भर आना,गले मे खराश है कह कर मुझ को बहलाना..लय तो हर ताल मे सीधी
चलती है..फिर तू मुझ से कुछ भी छुपा,यह हमदर्द तो सब समझती है...