Tuesday 9 July 2019

समंदर की लहरों का तेज़ी से उमड़ना...नदियों का कल-कल करते बहना...तालाबों का कभी इस मे

खोना तो कभी ठहर जाना..ज़िंदगी भी तो ऐसा ही इक रेला है...जरा सा चूके नहीं,कि इमारतों को

बेदर्दी से हिलाना सब को आ जाता है..सुबह की धूप की तरह खिलते रहिए,शाम के आने से पहले

खुद को ज़िंदा दिल रखिए..मौत का क्या भरोसा कब ले ले गी आगोश मे,बस जो भी मिले पल उन

को शिद्दत से जीते रहिए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...