बात चाँद सितारों को लाने की नहीं..बात साथ निभाने की भी नहीं..कोई शिकवा कोई शिकायत ही
नहीं..दूर दूर तक मंजिल को पा लेने की हसरत भी नहीं..झुकना कोई मज़बूरी ही नहीं,सज़दा करना
हमारी आदत ही सही..भगवान् ने जो दिया,उस को रख कर सर-आँखों पे..हम उस की दी हर नियामत
पे वारी वारी होते रहे..दुआ जो निकल रही है दिल से आज,मेरे मालिक हम तो तेरे कायल ही हो गए ..
नहीं..दूर दूर तक मंजिल को पा लेने की हसरत भी नहीं..झुकना कोई मज़बूरी ही नहीं,सज़दा करना
हमारी आदत ही सही..भगवान् ने जो दिया,उस को रख कर सर-आँखों पे..हम उस की दी हर नियामत
पे वारी वारी होते रहे..दुआ जो निकल रही है दिल से आज,मेरे मालिक हम तो तेरे कायल ही हो गए ..