ज़िंदा रहना है,दौलत कमाने के लिए..रिश्तो को बनाना है,दौलत देने के लिए..खुद को सहज रखना है,
उस की ख़ुशी के लिए..कभी इस के लिए तो कभी उस के लिए...जीवन की भाग-दौड़ मे कोई खुश
कितना रहा,किस ने किस को कितना प्यार दिया..किस ने कब सम्मान दिया,कभी दर्द खुद ही सहा
तो कभी झूठी हंसी मे खुद को जिया..ना इतना झूठ खुद से बोल,कि आँखों को पढ़ना आज भी किसी
को आता है...
उस की ख़ुशी के लिए..कभी इस के लिए तो कभी उस के लिए...जीवन की भाग-दौड़ मे कोई खुश
कितना रहा,किस ने किस को कितना प्यार दिया..किस ने कब सम्मान दिया,कभी दर्द खुद ही सहा
तो कभी झूठी हंसी मे खुद को जिया..ना इतना झूठ खुद से बोल,कि आँखों को पढ़ना आज भी किसी
को आता है...